सूर्यनमस्कार जैसे योगा करना किसी चमत्कार से कम नहीं।
सूर्यनमस्कार क्या है ?
सूर्य नमस्कार सभी योगासनों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इसके अभ्यास से पूर्ण शरीर का व्यायाम होता है। सूर्यनमस्कार की 12 शक्तिशाली योगा आसनो का एक क्रम हे। जिसमे 12 योगा आसन किये जाते है।जो की बारा योगा आसन व्यायाम पद्धती हे। और इसे सूर्य को नमस्कार के रूप मे किया जाता है। इस योगा के नियमित रूप से अभ्यास करने से हमारा शरीर निरोगी स्वास्थ्य और चेहरा तेजपूर्ण हो जाता है। आप सकारात्मक और हेल्दी जीवन जी सकते है। सूर्य नमस्कार यह योगा अभ्यास यह पुरुष ,बच्चे, महिला और वृद्ध व्यक्ति के लिए बहुत लाभदायक है।

सूर्यनमस्कार मैं कोन से 12 योगा आसन किये जाते ?
१.प्रणामा आसान।
२. हस्त उत्तानासन।
३. हस्त पादासन।
४. अश्व संचलानासन।
५.अधो मुख श्वानसन।
६.अष्टांग नमस्कार।
७.भुजंगासन।
८. अधो मुख श्वानासन।
९.अश्व संचलानासन।
१०.हस्त पादासन।
११.हस्त उत्तानासन।
१२.प्रणामा आसान।
सूर्यनमस्कार मैं इन १२ शक्तिशाली योगा असनो का अभ्यास किया जाता हैं।
सूर्यनमस्कार एक 12 योगा आसन की प्राचीन व्यायाम पद्धती है।जो की शरीर को हेल्दी और स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद करतीं है।सूर्यनमस्कार का मतलब यांनी अर्थ सूर्य को नमस्कार करना है। इस योगा के करने से जो की शरीर को शारीरिक रूप से आपको बेहतर बनाते है।
सूर्य नमस्कार में कौन-कौन से 12 मंत्र बोले जाते हैं?
१.ॐ मित्रांय नम:
अर्थ:( जो सबके प्रति मैत्रीपूर्ण हो। )
२.ॐ रवेय नमः
अर्थ :(चमकने वाला या कांतिवान। )
3.ॐ सूर्याय नमः
अर्थ :(अंधकार को दूर करने वाला या शिलता उत्पन्न करने के लिए उत्तर दायी।)
४.ॐ भानवे नमः
अर्थ:(जो प्रकाशित करता है।,या जो उज्जल है। )
५.ॐ खगाय नमः
अर्थ:(वह जो सर्वव्यापी है।,जो आकाश में घूमता है।)
6.ॐ पुष्णे नम:
अर्थ:(पोषण और तृप्ति देने वाला। )
७.ॐ हिरण्य गर्भय नमः
अर्थ:(वह जिसकी चमक सुनहरी रंग की होती है।)
८.ॐ मरिचये नमः
अर्थ:( अनंत किरणो से उजाला देने वाला।)
९.ॐ आदित्याय नमः
अर्थ:( ब्रह्मांण्डीय दिव्य माता आदिती के पुत्र।)
10.ॐ सावित्रे नमः
अर्थ:(वह जो जिसके लिए जिम्मेदार है।)
11.ॐ अर्काय नम:
अर्थ:(जो प्रशंसा और महिमा के लिए योग्य है।)
12.ॐ भास्कराय नमः
अर्थ:(बुद्धि और ब्रह्मांण्डीय प्रकाश के दाता।)
सूर्य नमस्कार के ऊपर दिए गए 12 मंत्रों पाठ कृतज्ञता पूर्ण जब करने से मन शांत और शक्ति प्रदान करता हैं।
सूर्य नमस्कार में किए जाने वाले योगा आसन के नाम और कृति।
१.प्रणामा आसन:-दोनों पैरों को मिलाकर सिधा खडा रहे और आपने दोनों हाथों को छाती के पास यानी सिनेके पास जोडकर खडे़ रहे।
२.हस्त उत्तानासन:-सांस लेते हुये जोडे़ हुए हाथों को उपर की और उठाकर पिठ से पिछे की और झुकें।
३.हस्त पादासन:- सांस छोड़ते हुए आपने दोनों हाथों को पैरों के पास मैं लाएं और सर को घुटनों से स्पर्श करों।
४.अश्व संचलानासन:-दाएं पैर को पिछे की ओर रखें और बाएं पैर को घुटने के पास लाएं।
५.अधो मुख श्वानसन:- सांस छोड़ते हुए शरीर को उल्टे V अकार मैं लाएं।
६.अष्टांग नमस्कार:-सांस छोड़ते हुए अपने कोहनी को मोड़कर छाती को जमीन पर स्पर्श करें।
७.भुजंगासन :- जमीन पर पेट के बल लेटकर हातोसे छाती को उपर की ओर उठाएं ।
८. अधो मुख श्वानासन:- सांस छोड़ते हुए शरीर को उल्टे V अकार मैं लाएं।
९.अश्व संचलानासन :- बाएं पैर को पिछे की ओर रखें और दाएं पैर को घुटने के पास लाएं।
१०. हस्त पादासन :- सांस छोड़ते हुए आपने दोनों हाथों को पैरो के पास मैं लाएं और सर को घुटनों से स्पर्श करों।
११. हस्त उत्तानासन:-सांस लेते हुये जोडे़ हुए हाथों को उपर की और उठाकर पिठ से पिछे की और झुकें।
१२. प्रणामा आसन:-दोनों पैरों को मिलाकर सिधा खडा रहे और आपने दोनों हाथों को छाती के पास यानी सिनेके पास जोडकर खडे़ रहे।
सूर्य नमस्कार जैसे योगा करने से कौनसे लाभ होते हैं?
१. शारीरिक लाभ: सूर्यनमस्कार जैसे योगा को नियमित रूप से करने से आपका पाचनक्रिया मैं सुधार आता हैं। और रक्तसंचर मैं भी सुधार होता है। उसके साथ साथ वज़न घटाना शरीर में लचीलापन मांसपेशियों में मजबूती और हड्डियों में भी मजबूती आती हैं।
२.मानसिक लाभ:ध्यान केंद्रित होना, मानसिक तनाव कम होना उसके साथ मन शांत होता हैं।हम ऊर्जावाण महसूस कर सकते है।
इसलिए सबके लिए सूर्यनमस्कार जैसे योगा करना जरूरी है।सूर्यनमस्कार के योगासन करने का सही तरीका क्या हैं?
सूर्यनमस्कार करतेसमय अपने सांस पर ध्यान केंद्रित करें,और सूर्य नमस्कार करने के लिए साफ़ और शांत जगह चुने उसके साथ ही नियमोका पालन करें सभी आसान धीरे धीरे करे और बीच बीच मैं आराम करे अगर आपको भी आपका शरीर निरोगी और ताकतवर बनाना हैं तो आपको इन योगा के नियमों का पालन करना पड़ेगा
सूर्यनमस्कार करतेसमय क्या सावधानीया बरतनी चाहिए?
१. शुरुवात मैं अप जब भी सूर्य नमस्कार करेंगे तो आपको पहले ही दिन भरपूर मात्रा में नहीं करना है।
२. ४ से ५ दिन बाद धीरे धीरे सूर्यनमस्कार के सेट बढ़ाए ।
३. अगर आपको पहले से ही कोई शरीर में दिक्कत हो तो सूर्यनमस्कार जैसे योगा करने से पहले आप अपने डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें ।
टिप्पणी: यह जरूर ध्यान रखें की सूर्यनमस्कार जैसे योगा करने का सही समय सुबह जल्दी सूर्योदय से पहले होता हैं। अगर आप सूर्यनमस्कार से अपने शरीर या अपने जीवन में बदलाव चाहते हैं तो आप सूर्यनमस्कार सूर्योदय से पहले करिए।
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